-=- May 31, 2022 -=-

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---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद द्वारा विस्तार भाषण का आयोजन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 31.05.2022 को सांय 5 बजे श्री अहमद अली, पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद ने "Preventive & Conservation of Manuscripts" विषय पर विस्तार भाषण दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने की। उन्होने अपने विस्तार भाषण में कहा कि मैन्यूस्क्रिप्टस का कन्जर्वेशन बहुत ही अहम कार्य है। यह तीन तरीके से होता है पहला Preventive Conservation दूसरा Curative Conservation तथा तीसरा Restoration Conservation हस्तलिखित ग्रन्थों को पर्यावरण, धूल से बचाना है क्योंकि इससे हस्तलिखित ग्रन्थों को नुकसान पहुंचता है। हस्तलिखित ग्रन्थों के रखने वाली जगह को झाड़ना नहीं चाहिए बल्कि गिले कपड़े से पोछना चाहिए जिससे धूल, फन्गस आदि हस्तलिखित ग्रन्थों तक न पहुंच पाये। हस्तलिखित ग्रन्थ के कमरे में प्रवेश से पूर्व जूते, चप्पल उतार कर आना चाहिए। साथ ही हाथ धोकर तथा कमरो में एयर कर्टेन लगाना चाहिए जिससे धूल हस्तलिखित ग्रन्थों तक न पहुंच पायें। अक्सर देखा गया है कि शोधार्थी हस्तलिखित ग्रन्थों के पृष्ठ को मोड़ देते है इससे हस्तलिखत का मोड़ा हुआ हिस्सा ग्रन्थ से अलग हो जाता है। इसलिए पृष्ठो को मोड़ना नहीं चाहिए। हस्तलिखित जहां रखते हुए है उसका टेम्परेचर 22 डिग्री सेल्सिय होना चाहिये जो ग्रन्थों की सुरक्षा हेतु आवश्यक है। लाईट भी 40 लेक्सेज में होनी चाहिए तो ग्रन्थों के लिए मुफीद है। इस हेतु लेक्सो मीटर का उपयोग करना चाहिए । ग्रन्थों की हेण्डलिंग भी अति आवश्यक है इसलिए ग्रन्थों को ट्रे मे ले जाना चाहिए। ग्रन्थों के कमरो मे एलईडी बल्ब/टयूबलाईट का उपयोग करना चाहिए इससे ग्रन्थ सुरक्षित रहते है। अन्य बल्ब, टयूबलाईट, हेलोजन लेम्प ग्रन्थों के लिए हानिकारक है। नमी भी हस्तलिखित ग्रन्थों के लिए नुकसानदायक है इससे बचाने के लिए ग्रन्थों को लकड़ी की अलमारी में रखना चाहिए क्योंकि लकड़ी नमी को ओबसर्व कर लेती है। पेपर कपड़े, बांस, चावल आदि से तैयार किया जाता है। कीड़ो से बचाने के लिए पेपर में केमिकल का प्रयोग किया जाता है जिससे कीड़े, काकरोच आदि मर जाते है। हस्तलिखित ग्रन्थों की सुरक्षा हेतु इनको फयूमीगेशन चेम्बर में रखा जाता है इसमें थाईमोल, लेमन ग्रास आदि केमिकल का उपयोग किया जाता है। थाईमोल से 6 माह तक कीड़े से सुरक्षा मिलती है तथा नीम एंव तुलसी के पत्तो को कमरे में सुखाकर मोटा पाउडर बनाया जाता है जिसको थैली में रखकर हस्तलिखित ग्रन्थ वाली स्थान पर रखने से ग्रन्थ 2 वर्ष तक कीड़ो से सुरक्षा मिलती है। श्री अहमद अली साहब ने अंत में कहा कि डॉ0 सौलत अली खान संस्थान की धरोहर को सुरक्षित रखने हेतु जो प्रिजर्वेशन एंव कन्जर्वेशन का कार्य चला रहे है वह बहुत ही शानदार है इसके लिए श्री अहमद अली साहब ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने कहा कि "Preventive & Conservation of Manuscripts" के बारे में जो विस्तार भाषण श्री अहमद अली साहब ने दिया है इससे इण्टरशिप कर रहे छात्ऱ/छात्राओं के लिए यह उपयोगी साबित होगा। उन्होने बताया कि कागज सर्वप्रथम चीन ने बनाया था। भारत में कई धर्मो के लोग आए। मुगल बादशाह बाबर साहित्य प्रेमी थे। उनके पास बहुत बड़ी लाइब्रेरी थी और उनकी मौत भी लाइब्रेरी की सीढी से फिसल जाने से हुई। बरसात के समय हस्तलिखित ग्रन्थों में नमी आ जाती है जिससे हस्तलिखित ग्रन्थों के पृष्ठ चिपक जाते है। इस हेतु बाबर ने अपने शासनकाल में वर्राक़ का पद सृजित किया। वर्राक का अर्थ है पृष्ठ को पलटने वाला तथा ग्रन्थों की साफ सफाई करने वाला। उन्होने कहा कि हस्तलिखित ग्रन्थ हमारी राष्ट्रीय धरोहर है। हस्तलिखित ग्रन्थ, चांदी, सोने, चमड़े पर होते है। उड़ीसा मे ताड़ पत्रों के ग्रन्थ मिलते है। हस्तलिखित ग्रन्थ तेलगू, तमिल, उड़ीया, अरबी, फारसी, उर्दू, संस्कृत भाषाओं में होते है डॉ0 सौलत अली खां ने हस्तलिखित ग्रन्थों को सुरक्षित रखते हेतु उनकी हेण्डलिंग को अत्यन्त उपयोगी बताया। उन्होने श्री अहमद अली साहब को सालारे एपीआरआई कहकर सम्बोधित किया। उन्होने कागज बनाने की विधि भी बताई। कागज बांस, रूई, चावल आदि से बनाये जाते है। लकड़ी की आलमारी में ग्रन्थों को सुरक्षा की दृष्टिगत सेण्डल ऑयल का उपयोग किया जाता है जिससे कीड़े अलमारी मे प्रवेश नहीं कर पाते। उन्होने अंत में श्री अहमद अली साहब को इतने व्यस्त होने के बावजूद एपीआरआई के लिए समय निकाला तथा छात्र/छात्राओं को उपयोगी बाते बताई इसके लिए शुक्रिया अदा किया। कार्यक्रम का संचालन मौलाना जमील अहमद ने किया।

इस अवसर पर संस्थान के कार्मिक फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, श्री केसर मियां, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान, मोहम्मद इसहाक, डॉ0 फरीदा खातून, इशरतुन्निसां, गीताराम गुर्जर सारा रशीद आदि तथा संस्थान में इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्रायें भी उपस्थित रहे।

------------------------------------------------------------------ ---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम,...

Posted by Maapri Tonk on Wednesday, June 1, 2022
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---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 31.05.2022 को मध्यान्ह पश्चात श्री अहमद अली, पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद ने संस्थान में प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन का कार्यो को संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खां ने अवलोकन कराया। प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन में काम आने वाले मैटेरियल को देखा और क्वालिटी के बारे में पूर्ण जानकारी ली। वे संस्थान में संगृहित हस्तलिखित ग्रन्थों की धरोहर का संरक्षण देखकर चकित रह गये। इस दौरान उन्होने इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओे से बातचीत की और इस कार्य की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी ली। इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्रायें श्री अहमद अली से मिलकर बहुत प्रभावित हुए। उन्होने संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रशंसा की और कहा कि इससे संस्थान में संगृहित हस्तलिखित ग्रन्थों के संरक्षण में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर संस्थान के कार्मिक फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, श्री केसर मियां, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान, मोहम्मद इसहाक, डॉ0 फरीदा खातून, इशरतुन्निसां, गीताराम गुर्जर सारा रशीद आदि भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :--- आजादी...

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---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 31.05.2022 को मध्यान्ह पश्चात श्री अहमद अली, पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद ने संस्थान में प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन का कार्यो को संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खां ने अवलोकन कराया। प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन में काम आने वाले मैटेरियल को देखा और क्वालिटी के बारे में पूर्ण जानकारी ली। वे संस्थान में संगृहित हस्तलिखित ग्रन्थों की धरोहर का संरक्षण देखकर चकित रह गये। इस दौरान उन्होने इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओे से बातचीत की और इस कार्य की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी ली। इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्रायें श्री अहमद अली से मिलकर बहुत प्रभावित हुए। उन्होने संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रशंसा की और कहा कि इससे संस्थान में संगृहित हस्तलिखित ग्रन्थों के संरक्षण में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर संस्थान के कार्मिक फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, श्री केसर मियां, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान, मोहम्मद इसहाक, डॉ0 फरीदा खातून, इशरतुन्निसां, गीताराम गुर्जर सारा रशीद आदि भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई में पूर्व क्यूरेटर, सालारजंग म्यूजियम, हैदराबाद द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :--- आजादी...

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---: एपीआरआई, टोंक में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 31 मई, 2022 को संस्थान में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम विश्व तम्बाबू निषेध दिवस पर शपथ संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान द्वारा दिलाई गई। ’’ विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर मैं ये शपथ लेता/लेती हूं कि मैं अपने जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का उपयोग या सेवन नहीं करूंगा/करूंगी एंव अपने परिजनों, मित्रों या परिचितों को भी तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करूंगा/करूंगी। इसके अलावा मैं अपने पर्यावरण को भी तम्बाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाने में योगदान करूंगा/करूंगी।

शपथ पश्चात संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस ( वर्ल्ड नो टोबैको डे) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) ने 1987 में की थी. पूरी दुनिया में प्रति वर्ष लगभग 60 लाख लोग तम्बाकू के प्रयोग के कारण मर जाते हैं, इसलिए इस दिन को मनाने के पीछे का ध्येय यही है कि आम जनता तम्बाकू से होने वाले नुक्सान को जाने और तम्बाकू से बने पदार्थों से दूर रहे. तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे धकेलता रहता है। लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है एक शायर ने क्या खूब कहा है – कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए, हम तो पीते हैं क्योंकि पीनी पड़ती है ! तम्बाकू उत्पादों का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। सिगरेट, बीडी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दे, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है। भारत में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तंबाकू के सेवन को हतोत्साहित करने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम [कोटपा], 2003 नामक एक व्यापक कानून बनाया है। जिससे की तंबाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य खतरों से जनता को बचाने के लिए जागरूक किया जाता है।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान, श्री फरीद अहमद खान, श्री केसर मियां, डॉ0 बदर अहमद, डॉ0 फरीदा खातून, श्री मोहम्मद इसहाक, श्री मोहम्मद आरिफ खान, श्रीमति इशरतुन्निसा, श्री गीताराम गुर्जर तथा एम0एस0 यूनिवर्सिटी, बड़ौदा (गुजरात) बनारस यूनिवर्सिटी, बनारस (उत्तरप्रदेश) तथा क्रिऐटिव सोल्यूशन, पटना (बिहार) से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) से एंव टोंक से इन्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओं भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई, टोंक में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 31 मई,...

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---: एपीआरआई, टोंक में दिनांक 30 मई, 2022 को पत्रकारिता दिवस का आयोजन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में 30 मई 2022 मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ बद्र अहमद ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के लिए 30 मई को बहुत अहम दिन माना जाता है क्योंकि आज ही के दिन हिंदी भाषा में पहला समाचार पत्र "उदन्त मार्तण्ड" का प्रकाशन हुआ था, उन्होंने हिंदी पत्रकारिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 30 मई, 1826 को कलकत्ता से एक साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर "उदन्त मार्तण्ड" शुरू किया था। इसके प्रकाशक और संपादक वो खुद थे,इसी वजह से पंडित जुगल किशोर शुक्ल का हिंदी पत्रकारिता के जगत में विशेष स्थान है,1826 से पहले अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा था, लेकिन हिंदी में एक भी समाचार पत्र नहीं निकलता था इसी बात को मद्देनजर रखते हुए जुगल किशोर ने 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन शुरू किया था। यह पत्र हर मंगलवार को निकलता था, लेकिन 'उदन्त मार्तण्ड' की शुरूआत में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि हिन्दी पत्रकारिता आगे चल कर इतना बड़ा आकार ले लेगी और इतनी महत्वपूर्ण हो जाएगी।

संस्थान के कार्मिक क़ैसर मियां ने कहा कि उस समय औपनिवेशिक ब्रिटिश ने कलकत्ता को अपनी राजधानी बनाया हुआ था जिस वजह से भारत में हिंदुस्तानियों के हक की बात करना बहुत बड़ी चुनौती बन चुका था, इसलिए जुगल किशोर शुक्ल के 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन जब कोलकाता से शुरू हुआ तो यह माना जाता है कि इस पत्र ने ब्रिटिश शासन को चुनौती देने का काम किया प्रकाश शुक्ल का यह एक तरह का साहसिक प्रयोग कहा जा सकता है, इस अवसर पर मौलाना जमील अहमद, श्री फरीद अहमद खान, श्री श्याम बिहारी गौतम ने मुख्य रूप से अपने विचार व्यक्त किए, ए पी आर आई में पत्रकारिता दिवस उत्साह के साथ मनाया गया

इस अवसर पर श्री सत्यनारायण सैन, मोहम्मद इसहाक, श्रीमति फरीदा खातून, श्री खुर्शीद आलम, श्रीमति इशरतुन्निसा, गीताराम गुर्जर, पंकज शर्मा श्रीमति सारा रशीद एंव इन्टरशिप कर रहे क्रिएटिव सोल्यूशन, पटना (बिहार), एम0एस0 यूनिवर्सिटी, बड़ौदा (गुजरात) तथा बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, बनारस (उत्तरप्रदेश) के छात्र/छात्राओं भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई, टोंक में दिनांक 30 मई, 2022 को पत्रकारिता दिवस का आयोजन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में 30 मई...

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-=- Friday, May 27, 2022 -=-

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---: एपीआरआई, टोंक में ’’ पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्य तिथि’’ पर कार्यक्रम का आयोजन :--

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक 27.05.2022 को अरबी फारसी शोध संस्थान, टोंक एंव क्रिएटीव सोल्यूशन, पटना के संयुक्त तत्वाधान में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री एंव स्वतंत्रता सेनानी ’’पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्य तिथि’’ मनाई गई। सर्वप्रथम 2 मिनिट का मौन धारण कर श्रृंद्धाजलि अर्पित की गई। श्री पंकज शर्मा ने अपने विस्तार भाषण में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहबाद में हुआ था। वे एक ऐसे कश्मीरी ब्राहमण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वता के लिए विख्यात थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू वर्ष 1947 स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। पंडित जवाहर लाल नेहरू, संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में ’’गुटनिरपेक्ष’’ नीतियों के लिए विख्यात हुए। 1930 और 1940 के दशक में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। नेहरू के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करना उनके उद्देश्य रहे। 27 मई, 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ। श्री प्रीतम सिंह खत्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान रहा। उन्होने कई घटनाओं द्वारा नेहरू जी के व्यक्तित्व के बारे में बताया।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल आधुनिक भारत के निर्माता थे। लोकप्रियता की दृष्टि से वे गांधी जी के पश्चात दूसरे व्यक्ति थे। नेहरूजी के विषय में गांधी जी ने कहा था कि वे नितान्त उज्जवल है और उनकी सच्चाई सन्देह से परे है। राष्ट्र उनके हाथो में सुरक्षित है। पंडित नेहरू ने 17 वर्षो तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व किया और स्वतंत्र भारत को एक सबल आर्थिक और राजनीतिक स्वरूप प्रदान किया। अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारत की धाक जमाने का श्रेय उन्हीं को जाता है।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान, श्री प्रीतम सिंह खत्री, श्री फरीद अहमद खान, श्री सत्यनारायण सैन, श्री केसर मियां, डॉ0 बदर अहमद, डॉ0 फरीदा खातून, श्री मोहम्मद इसहाक, श्री मोहम्मद आरिफ खान, श्रीमति इशरतुन्निसा, श्री गीताराम गुर्जर तथा एम0एस0 यूनिवर्सिटी, बड़ौदा (गुजरात) बनारस यूनिवर्सिटी, बनारस (उत्तरप्रदेश) तथा क्रिऐटिव सोल्यूशन, पटना (बिहार) से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) से एंव टोंक से इन्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओं भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री जमील अहमद ने किया।

---: एपीआरआई, टोंक में ’’ पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्य तिथि’’ पर कार्यक्रम का आयोजन :-- आजादी के अमृत महोत्सव की...

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---: एपीआरआई में पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 26.05.2022 को पूर्वाहन पूर्व मुख्य सचिव महोदय, राजस्थान सरकार श्री सलाहुद्दीन अहमद ने संस्थान में प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन का कार्यो को अवलोकन किया । एम0एस0 यूनिवर्सिटी, बड़ौदा (गुजरात) से 8 छात्र, बनारस यूनिवर्सिटी, बनारस (उत्तरप्रदेश) से 2 छात्र तथा क्रिऐटिव सोल्यूशन, पटना (बिहार) से 15 छात्र, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) से 4 छात्र एंव टोंक से 10 छात्र इन्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओं द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्यो जैसे हस्तलिखित ग्रन्थों को दोबार खोलकर ट्रीटमेण्ट करने के बाद वापस बाईण्डिग करने तक का पूरा प्रोसेस समझाया और हस्तलिखित ग्रन्थों को संरक्षित रखने हेतु किन-किन बातो का ख्याल रखना चाहिए तथा किन कारणों से ग्रन्थ खराब हो सकता है के बारे विस्तृत जानकारी पूर्व मुख्य सचिव को उपलब्ध करवाई। श्री एस0 अहमद साहब ने संस्थान में किये जा रहे प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्यो को देखकर चकित रह गये तथा इन कार्यो को अकल्पनीय बताया। अवलोकन के दौरान उन्होने संस्थान में किये जा रहे प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्यो के लिए निदेशक डॉ0 सौलत अली खान की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा समस्त स्टॉफ का भी धन्यवाद अर्पित किया। संस्थान में चल रहे प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य से प्रभावित होकर श्री एस0 अहमद साहिब ने जून माह में स्कॉलर के साथ संस्थान का विजिट करने की इच्छा जाहिर की। इस अवसर पर संस्थापक निदेशक साहिबज़ादा शौकत अली खान, श्री अब्दुल नफीस, जयपुर, संस्थान के कार्मिक प्रीतम सिंह खत्री, फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, सत्यनारायण सैन, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान आदि भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई में पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा प्रिजर्वेशन एंव कंजर्वेशन कार्य का अवलोकन :--- आजादी के अमृत...

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-=- May 26, 2022 -=-

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---: एपीआरआई को पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा अनुदानस्वरूप पुस्तकें भेंट :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने जयपुर सर्वे कार्य किया। सर्वे कार्य के उपरान्त ही आज दिनांक 26.05.2022 को पूर्व मुख्य सचिव महोदय, राजस्थान सरकार श्री सलाहुद्दीन अहमद ने संस्थान को 7 प्रिण्टेड पुस्तकें अनुदानस्वरूप भेंट की। संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने इन किताबो को अत्यन्त महत्वपूर्ण और शोधार्थियों के लिए उपयोगी बताया। संस्थान में संग्रहित हस्तलिखित ग्रन्थों/प्रिण्टेड किताबो/शराशरीफ रिकार्ड के संग्रह को देखकर अत्यंत प्रभावित हुए इससे प्रेरित होकर उन्होने भविष्य में और किताबें संस्थान को अनुदानरूवरूप भेंट करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर संस्थापक निदेशक साहिबज़ादा शौकत अली खान, श्री अब्दुल नफीस, जयपुर, संस्थान के कार्मिक प्रीतम सिंह खत्री, फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, सत्यनारायण सैन, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान आदि भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई को पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा अनुदानस्वरूप पुस्तकें भेंट :--- आजादी के अमृत महोत्सव की...

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-=- Thursday, May 26, 2022 -=-

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---: एपीआरआई में पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा लाइब्रेरी का अवलोकन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आज दिनांक 26.05.2022 को अपरान्ह पश्चात पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार श्री सलाहुद्दीन अहमद ने डिस्पले हॉल तथा आर्ट गैलेरी का अवलोकन किया। संस्थान में संरक्षित दुर्लभ हस्तलिखित ग्रन्थों को देखकर अत्यंत प्रभावित हुए। इसके पश्चात उन्होने लाइब्रेरी का अवलोकन किया। संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने लाइब्रेरी मैनेजमेण्ट सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई और लाइब्रेरी एक्सेशन, रजिस्टर के बनने से लेकर किताबों के रख-रखाव, आलमारी सिस्टम, लाइब्रेरी में किताबे मंगवाने और स्कॉलर को किताबे उपलब्ध कराने और वापिस किताबो को जमा कराने का पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक वर्णन किया। श्री एस0 अहमद ने एक्सेशन रजिस्टर को रेन्डमली चैक किया। इसके साथ ही डॉ0 सौलत अली खान ने फयूमीगेशन चेम्बर का अवलोकन करवाया तथा उसकी पूरी प्रक्रिया से अवगत करवाया। इस अवसर पर संस्थापक निदेशक साहिबज़ादा शौकत अली खान, श्री अब्दुल नफीस, जयपुर, संस्थान के कार्मिक प्रीतम सिंह खत्री, फरीद अहमद खान, डॉ0 सै0 बदर अहमद, सत्यनारायण सैन, पंकज शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान आदि भी उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई में पूर्व मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार द्वारा लाइब्रेरी का अवलोकन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में...

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-=- Thursday, May 26, 2022 -=-

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---: दारूलरसाईल का निरीक्षण :---

---: दारूलरसाईल का निरीक्षण :--- आज़ादी के अमृत महोत्सव के क्रम में आज दिनांक 25.05.2022 को अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक राजस्थान में क्रियेटिव सोल्यूशन में इन्टर्नशिप कर रहे छात्र-छात्राओं ने दारूलरसाईल जो कि अरबी फारसी शोध संस्थान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, का निरीक्षण किया और इसमें संग्रहित मैगज़ीन को देख कर अभीभूत हुऐ। मैगजीन (रसाईल) के रख रखाव को देख कर दंग रह गऐ इसमें से कई मैगजीन 200 साल पुराने है। इनमें से कई तो ऐसे है जिनकी एक ही प्रति दुनिया में मौजूद है। और बाकी कुछ की छापने वाली प्रेस ही बंद हो गई है। मैगजीन का इतना बडा कलेक्शन देख कर इन्टर्न्स छात्र छात्राऐं मुग्ध रह गये। इन्होंने बडी ही दिलचस्पी से सारा कलेक्शन देखा, इसमें एक्सेशन सिस्टम और मेन्टीनेन्स के बारे में डॉ0 फरीदा खातून ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से ये रसाईल इकठ्ठा किये गये। और इन्हें संजोकर रखा गया। छात्र छात्राओं ने उत्सुकतापूर्वक काफी सवालात किये और अपनी कॉपी में इन्द्राज किया। इस अवसर पर श्री कै़सर मियां, श्री पंकज शर्मा, श्रीमति फरीदा खातून, श्री रियाजु़ल हसन, श्री विभाष कुमार आदि उपस्थित थे।

---: दारूलरसाईल का निरीक्षण :--- आज़ादी के अमृत महोत्सव के क्रम में आज दिनांक 25.05.2022 को अरबी फारसी शोध संस्थान टोंक...

Posted by Maapri Tonk on Thursday, May 26, 2022
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-=- Wednesday, May 25, 2022 -=-

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---: लाइब्रेरी का निरीक्षण :---

आज दिनांक 24.05.2022 को आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में अरबी फारसी शोध संस्थान, टोंक एंव क्रिएटिव सोल्यूशन, पटना के अण्डर में इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओं को आज संस्थान में स्थित लाइब्रेरी मैनेजमेण्ट सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई और लाइब्रेरी एक्सेशन, रजिस्टरके बनने से लेकर किताबों के रख-रखाव, आलमारी सिस्टम, लाइब्रेरी में किताबे मंगवाने और स्कॉलर को किताबे उपलब्ध कराने और वापिस किताबो को जमा कराने का पूरी प्रक्रिया छात्र/छात्राओं को समझाई गई। श्री केसर मियां, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष ने छात्र/छात्राओं को लाइब्रेरी का निरीक्षण करवाया। संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने छात्र/छात्राओं को लाइब्रेरी सिस्टम के बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया। निदेशक के व्याख्यान को छात्र/छात्राओं ने कॉपी में नोट किया तथा कहा कि यह व्याख्यान हमारे लिए उपयोगी सिद्ध होगा।

---: लाइब्रेरी का निरीक्षण :--- आज दिनांक 24.05.2022 को आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में अरबी फारसी शोध संस्थान,...

Posted by Maapri Tonk on Wednesday, May 25, 2022
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-=- Tuesday, May 24, 2022 -=-

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---: एपीआरआई, टोंक में ’’राजीव गांधी की पूण्य तिथि’’ का आयोजन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक 21.05.2022 को अरबी फारसी शोध संस्थान, टोंक एंव क्रिएटीव सोल्यूशन, पटना के संयुक्त तत्वाधान में ’’राजीव गांधी की पूण्य तिथि’’ मनाई गई। सर्वप्रथम 2 मिनिट का मौन धारण कर श्रृंद्धाजलि अर्पित की गई और उनके कम्प्यूटर क्रान्ति के लिए किये गये कार्यो को याद किया गया। उनके कार्यकाल में किये गये कार्यो के बारे में श्री समीन खान ने विस्तार से बताया और श्री फरीद अहमद खान ने कम्प्यूटर क्रान्ति और उस समय आने वाली परेशानियों के बारे में अवगत कराया गया।

श्री विभाश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्व0 राजीव गांधी एक विनम्र एंव स्नेही थे। उन्होने कभी भी घृणा करना नहीं सिखाया। स्व0 राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे जिनकी नितियों ने आधुनिक भारत को आकार देने में मदद की। वह एक दयालु व्यक्ति थे जिन्होने हमें क्षमा और सहानुभूति का मूल्य सिखाया। इस अवसर पर श्री अजीम खान, अमीन खान, फराह खान और संस्थान के कार्मिक उपस्थित रहे।

---: एपीआरआई, टोंक में ’’राजीव गांधी की पूण्य तिथि’’ का आयोजन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक...

Posted by Maapri Tonk on Tuesday, May 24, 2022
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----------=- Wednesday, 18 May 2022 -=----------

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---: एपीआरआई, टोंक में ’’अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम डे’’ का आयोजन :---

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक 18.05.2022 को अरबी फारसी शोध संस्थान, टोंक में ’’अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम डे’’ मनाया गया इसमें अरबी फारसी शोध संस्थान, टोंक में म्यूजियम और संस्थान पर एक विस्तृत पीपीटी (Presentation) का उद्घाटन किया। संस्थान के निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने किया जिसको डॉ0 सै0 बदर अहमद, केटेलागर ने विस्तृत रूप से संस्थान में उपस्थित आगुन्तकों को समझाया और इस अवसर पर क्रिएटीव सोल्यूशन, पटना के इण्टरशिप कर रहे छात्र/छात्राओं ने म्यूजियोलोजी पर अपने विचार प्रकट किये जिसमें जान्हवी शर्मा, मन्नान के विचार सराहनीय थे। निदेशक डॉ0 सौलत अली खान ने अपने उद्बोधन में संस्थान में मौजूद धरोहर के बारे में विस्तार से बताया और धरोहर को सजोये रखने की आवश्यकता पर बल दिया और हमारी आने वाले पीढियों अपने अतीत को म्यूजियम के द्वारा ही समझ पायेगी इसलिए म्यूजियम का होना हमारे समाज के लिए अति आवश्यक है। अंत में श्री प्रीतम सिंह खत्री ने उपस्थित आगुन्ताको का धन्यवाद प्रस्तुत किया।

---: एपीआरआई, टोंक में ’’अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम डे’’ का आयोजन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक...

Posted by Maapri Tonk on Friday, May 20, 2022
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----------=- दिनांक 16.05.2022 -=----------

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---: एपीआरआई, टोंक में बुद्ध पूर्णिमा पर संगोष्ठी का आयोजन :--- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में बुद्ध पूर्णिमा के...

Posted by Maapri Tonk on Wednesday, May 18, 2022
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हस्तलिखित ग्रन्थों के परिरक्षण एंव संरक्षण पर प्रिजर्वेशन एंव कन्जर्वेशन का इन्टरशिप प्रोग्राम

----------=- दिनांक 13.05.2022 -=----------

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---: हस्तलिखित ग्रन्थों के परिरक्षण एंव संरक्षण पर प्रिजर्वेशन एंव कन्जर्वेशन का इन्टरशिप प्रोग्राम :--- आजादी के अमृत...

Posted by Maapri Tonk on Monday, May 16, 2022
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----------=- दिनांक 11.05.2022 -=----------

हस्तलिखित ग्रन्थों के प्रिजर्वेशन एंव कन्जर्वेशन का इन्टरशिप प्रोग्राम

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---: एपीआरआई, टोंक में दिनांक 11.05.2022 को हस्तलिखित ग्रन्थों के प्रिजर्वेशन एंव कन्जर्वेशन का इन्टरशिप प्रोग्राम...

Posted by Maapri Tonk on Monday, May 16, 2022
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----------=- दिनांक 10.05.2022 -=----------

हस्तलिखित ग्रन्थों के परिरक्षण एंव संरक्षण पर सेमिनार का आयोजन

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-- हस्तलिखित ग्रन्थों के परिरक्षण एंव संरक्षण पर सेमिनार का आयोजन -- आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में दिनांक...

Posted by Maapri Tonk on Monday, May 16, 2022
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----------=- 27 अप्रैल 2022 -=----------

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